दिल्ली विधानसभा चुनाव में धामी की धमक, 23 सीटों पर प्रचार; 18 में भाजपा को दिलाई जीत
 
                उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता, सख्त नकलरोधी कानून समेत अन्य ऐतिहासिक निर्णय लेकर देशभर में चर्चा में आए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भाजपा ने दिल्ली विधानसभा के चुनाव में भरपूर उपयोग किया। मुख्यमंत्री एक बार फिर से पार्टी नेतृत्व की उम्मीदों पर खरे उतरे। दिल्ली में बतौर स्टार प्रचारक मुख्यमंत्री ने 23 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में 52 सभाएं व रोड शो किए। नतीजे आने पर इनमें से 18 विधानसभा सीटों में भाजपा परचम फहराने में कामयाब रही। इनमें नई दिल्ली विधानसभा सीट भी शामिल है, जहां भाजपा के प्रवेश वर्मा ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को शिकस्त दी।
धामी ने ताबड़तोड़ की 52 सभाएं व रोड शो
राज्य में नगर निकायों के चुनाव में भाजपा की विजयगाथा लिखने के बाद मुख्यमंत्री धामी को पार्टी नेतृत्व ने दिल्ली विधानसभा के चुनाव प्रचार में मोर्चे पर उतार दिया था। मुख्यमंत्री ने भी ताबड़तोड़ सभाएं, रोड शो व जनसंपर्क कर पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में दिन-रात एक कर दिया। उन्होंने चुनाव प्रचार अभियान में डबल इंजन के बूते विकास की अवधारणा को रेखांकित किया तो उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने समेत अन्य निर्णयों को भी जनता के सामने रखा। प्रवासी उत्तराखंडियों को साधने के लिए वह निरंतर जुटे रहे।
उन्होंने चुनाव प्रचार अभियान में डबल इंजन के बूते विकास की अवधारणा को रेखांकित किया तो उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने समेत अन्य निर्णयों को भी जनता के सामने रखा। प्रवासी उत्तराखंडियों को साधने के लिए वह निरंतर जुटे रहे।
पार्टी के आस पर खरे उतरे धामी
मुख्यमंत्री के ये प्रयास रंग लाए और नई दिल्ली, कस्तूरबानगर, मोतीनगर, शालीमार बाग, आरकेपुरम, ग्रेटर कैलाश, पटपडग़ंज, करावलनगर, रिठाला, द्वारिका, नजफगढ़, मटियाला, लक्ष्मीनगर, संगम विहार, उत्तमनगर, पालम, वजीरपुर व बवाना सीटों पर भाजपा ने परचम फहराया। दिल्ली विधानसभा की इन सभी सीटों पर मुख्यमंत्री धामी ने जोरदार प्रचार किया था। इस सफलता से मुख्यमंत्री एक बार फिर से पार्टी नेतृत्व की उम्मीदों पर खरा उतरने में सफल रहे हैं। दिल्ली में मुख्यमंत्री धामी की इस धमक से उनके राजनीतिक कद में स्वाभाविक रूप से बढ़ोतरी हुई है। इससे पहले भी विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा नेतृत्व ने मुख्यमंत्री धामी को मोर्चे पर उतारा था और इनमें भी उन्होंने स्वयं को साबित किया। यही नहीं, समान नागरिक संहिता, नकलरोधी कानून, जबरन मतांतरण रोकने को सख्त कानून, दंगारोधी कानून, सरकारी भूमि को अतिक्रमणमुक्त करने समेत उनकी सरकार के तमाम निर्णय अन्य राज्यों के लिए भी नजीर बन रहे हैं।

 
                         
                                             
                                             
                                             
                                        