बद्रीनाथ व मैंगलौर सीट पर उप-चुनावों की सुगबहाट तेज,निर्दलीय प्रत्यासी बिगाड़ सकते है भाजपा कांग्रेस का समीकरण
By-elections are going on in Badrinath and Mangalore seats, independent candidates can spoil the equation of BJP and Congress.
चमोलीःसूबे में लोकसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद बद्रीनाथ व मंगलौर विधानसभा में उप चुनाव की सुगबुवाहट तेज हो गई है। बद्रीनाथ सीट पर संभावित प्रत्यासी अपने अपने दावे करने लगे है। संभावित प्रत्यासियों ने गुपचुप तरीके से प्रचार अभियान भी शुरू कर दिया है। पूर्व कैविनेट मंत्री राजेन्द्र सिंह भण्डारी व बद्रीनाथ विधायक के भाजपा में सामिल होने और कांग्रेस पार्टी से स्तीफा देने के बाद बद्रीनाथ विधानसभा में उप चुनाव किये जा रहे। बद्रीनाथ सीट पर यूँ तो कई निर्दलीय प्रत्यासीयों ने भी दावेदारी शुरूकर दी है लेकिन उप चुनाव में मुख्य मुकाबला सत्ता पक्ष व विपक्ष में ही रहेगा।
वही इस सीट पर भाजपा व कांग्रेस अभी से अपनी जीत का दावा करने लगी हैं। बसर्ते दोनों पार्टीयों ने अपने प्रत्यासियों के नाम का ऐलान हाईकमान व शीर्षनेतृत्व पर छोड़ दिया है। लेकिन फिलहाल भाजपा के प्रबल दावेदारों में पूर्व विधायक राजेन्द्र सिंह भण्डारी व कांग्रेस के प्रबल दावेदारों में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चमोली लखपत सिंह बुटोला का नाम सबसे उपर चल रहा है। हॉलाकि दोनों पाटियों के दावेदारों की बात करें तो कांग्रेस से पूर्व व्लॉक प्रमुख व हरीश रावत सरकार में मुख्यकार्यकारी अधिकारी कमल रावत समेत अनेक दावेदार सामने आ रहे है तो भाजपा में भी पोखरी,दशोली व जोशीमठ व्लॉक के अनेक भाजपा कार्यकर्ता अपना दावा पेश कर रहे है। वही सोशल मीडिया पर बद्रीनाथ से विधायक पद पर बेरोजगार संघ के महा सचिव सजेन्द्र कठैत के निर्दलीय बॉबी की तरह दावेदारी पेश करने का दावा किया जा रहा है जिससे कांग्रेस व बीजेपी के प्रत्यासीयों की मुस्किले बड़ सकती है।
विधायक भण्डारी के अचानक भाजपा में सामिल होने से जहां जनता में नाराजगी चल रही है। वहीं कांग्रेस ने इसे दुभाग्यपूर्ण व जनता के जनादेश का बता रही है। कांग्रेस के प्रबल दावेदार लखपत बुटोला का कहना है कि आज तक के उप चुनाव विषम परिस्थतियों में हुए है लेकिन यह चुनाव जनता पर थोपा हुआ चुनाव है यह पहला चुनाव होगा जो चरित्र व नैतिकता के आधार पर होगा। इसका करारा जवाब जनता जरूर देगी।
वहीं भाजपा उप चुनाव में अपनी जीत का दावा अभी से पक्का करने लगी है।भाजपा प्रवक्ता सुनीता विद्यार्थी का कहना है कि इन चुनावों में राष्ट्रीय मुद्दों के अलावा क्षेत्रीय मुद्दे भी हावी रहेगे। हमारे कार्यकर्ताओं ने जनता के बीच जाकर राज्य व केन्द्र सरकार की योजनाओं को घर घर पंहुचाया हैं।
बहरहाल उपचुनावों से पहले बद्रीनाथ विधानसभा व मंगलौर विधासभा में शियासी पारा चढ़ने लगा है। दोनों पाटियों के स्थानीय नेताओं के अलावा आम जनता भी इसमें खुब दिलचस्पी ले रही हैं। पूर्व विधायक राजेन्द्र भण्डारी के अचानक भाजपा में सामिल होने से जहां एक ओर भाजपा के कार्यकर्ता उन्हें पचा नहीं पा रहे हैं वही भण्डारी के अपने कार्यकर्ता भी असहज महसूस कर रहें। इस उप चुनाव में यदि भाजपा राजेन्द्र भण्डारी के नाम पर मोहर लगाती है। तो उनके लिए यह चुनाव अभी तक के सभी चुनावों से चुनौतीपूर्ण होंगे। भले ही भाजपा इस उप चुनाव के लिए पूरी ताकत झोंक देगी लेकिन कांग्रेस भी इस मौके को अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहती है। अब देखने वाली बात यह होगी की इस दिलचस्प चुनावी माहौल में बाजी किस पार्टी के हाथ लगती है।