उत्तराखंड में वनाग्नि की घटनाये रूकने का नाम नही ले रही
Forest fire incidents are not stopping in Uttarakhand
उत्तराखंड में वनाग्नि ऑउट ऑफ कंट्रोल, 24 घंटे में फिर 40 वनाग्नि की घटनायें
चमोलीःउत्तराखंड में वनाग्नि की घटनाये रूकने का नाम नही ले रही है। वनाग्नि कंट्रोल के लिए सीएम धामी ने खुद ही कमान सभाल ली हैं सीएम धामी ने ऐलान किया है कि प्रति किलो पिरूल 50 रूपये की दर से खरीदा जायेगा। उन्होनें पिरूल कलेक्शन की शुरवात खुद अपने कर कमलों से की हैं। वही उत्तराखंड में 24 घंटे में फिर से 40 स्थानों पर वनों में आग लगी है। हॉलाकि इनमें वो ऑकडे़ नहीं है जो वन विभाग की गिनती में सामिल नही हो पाये है । बीते साल एक नवम्बर से अभी तक 1038 स्थानों पर वनाग्नि की घटनायें हो चुकी है। जिसमें 1038 हेक्टयर से अधिक वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। अभी तक वनाग्नि के कारण 5 लोगो की मौत व 4 लोग गंभीर रूप घायल हुयें।
प्रदेशभर में अभी तक की वनाग्नि की घटनाओं की बात की जाय तो सबसे ज्यादा वनाग्नि की घटनायें आड़ा फुकान के कारण बताई जा रही है। साथ ही अधितर वनाग्नि की घटनाओं को आम आदमी ने अंजाम दिया है। वनाग्नि को कंट्रोल के लिए यूं तो वन विभाग द्वारा हर साल चाक चौबंद व्यवस्था की बात की जाती है। लेकिन वनाग्नि के बढते मामलों के साथ साथ वन विभाग के वनाग्नि कंट्रोल के दावे धरासायी हो जाते है। लापरवाही की हद तक होती है। जब वन विभाग द्वारा गांवों के आसपास लगाई गई आग के दोषियों की जांच तक नहीं की जाती। और हर साल वनाग्नि के कारण करोड़ों रूपये की बहुमुल्य वन संम्पदा के साथ दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीव,विलुप्त होती जैव विविधता जलकर खाक हो जाती है और वन विभाग यह सब तमासा देखता रहता है।